ढ़लानakashaman601Feb 24, 20231 min readनहीं हुआ हूँ ख़त्म अभी, ये तो बस एक ढ़लान है।था अकेला चट्टान सा, अब जूझ रहा हूँ ,शाखों से मैं।कुछ टूट जाऊँगा अभी, होगा, कुछ बोझ हल्का फिर तभी।सही कहा है: "हम गिरते हैं सिर्फ़, उठने के लिए।" नहीं हुआ हूँ ख़त्म अभी, ये तो बस एक ढ़लान है। -व्योम।
नहीं हुआ हूँ ख़त्म अभी, ये तो बस एक ढ़लान है।था अकेला चट्टान सा, अब जूझ रहा हूँ ,शाखों से मैं।कुछ टूट जाऊँगा अभी, होगा, कुछ बोझ हल्का फिर तभी।सही कहा है: "हम गिरते हैं सिर्फ़, उठने के लिए।" नहीं हुआ हूँ ख़त्म अभी, ये तो बस एक ढ़लान है। -व्योम।
माँमाँ का दिल जब रोता है, धरती भी साथ में रोती है। माँ जब गुस्से में होती है, तो हल्का सा रो देती है। उस घर में खुशहाली है, जीस घर में माँ...
मशवरा।उलझन का ये आलम है, के कोई सुलझा सकता नही मशवरे देता हूं, मशवरे पाता हूं, मशवरों का इलाज कोई जानता नही। कुछ खास लोगों से मशवरा किया, और...
फनाक्या खूब लिखा हमने, क्या खूब किया तुमने। पूरी दुनिया खफा करदी, पीछे सपने के एक, पूरी जिंदगी फना करदी। - व्योम
Comments