top of page

माँ
माँ का दिल जब रोता है, धरती भी साथ में रोती है। माँ जब गुस्से में होती है, तो हल्का सा रो देती है। उस घर में खुशहाली है, जीस घर में माँ...
akashaman601
Feb 27, 20231 min read
मशवरा।
उलझन का ये आलम है, के कोई सुलझा सकता नही मशवरे देता हूं, मशवरे पाता हूं, मशवरों का इलाज कोई जानता नही। कुछ खास लोगों से मशवरा किया, और...
akashaman601
Feb 24, 20231 min read
ढ़लान
नहीं हुआ हूँ ख़त्म अभी, ये तो बस एक ढ़लान है। था अकेला चट्टान सा, अब जूझ रहा हूँ ,शाखों से मैं। कुछ टूट जाऊँगा अभी, होगा, कुछ बोझ हल्का फिर...
akashaman601
Feb 24, 20231 min read
फना
क्या खूब लिखा हमने, क्या खूब किया तुमने। पूरी दुनिया खफा करदी, पीछे सपने के एक, पूरी जिंदगी फना करदी। - व्योम
akashaman601
Feb 24, 20231 min read
बारिश.
वो बरसती रही, सारी रात, मैं जलता रहा, सारी रात, बारिश..... वो महकती रही, सारी रात, मैं बैठा रहा सारी रात, मिट्टी.... वो गरजती रही, सारी...
akashaman601
Feb 24, 20231 min read
बहुत वक्त से भाग रहा हूं.
बहुत वक्त से भाग रहा हूं कई रातें अब जाग चुका हूं रुकने की आदत अब छूट चुकी है थमने की चाहत भी छूट चुकी है वक्त भी गुज़र रहा है सामा भी...
akashaman601
Feb 24, 20231 min read
सूफ़ी
कुछ काम का असर है, के दोरुखी हो गया हूं। कुछ काम का असर है, के सूफ़ी हो गया हूं। ये काम नहीं फितूर है मेरा, ज़रूर इसी के असर में, सूफ़ी...
akashaman601
Feb 23, 20231 min read
.
नज़्मे कम पड़ जाती हैं, गज़लें कम पड़ जाती हैं। जब भी तुझको सोचता हूँ, मेमोरी कम पड़ जाती हैं। पता नहीं है, कहाँ छिपी है, फिर भी ख़ोजना...
akashaman601
Feb 23, 20231 min read
युहीं
कभी युहीं कुछ लिख लेता हूँ, तो कविता बन जाती है। कभी युहीं कुछ लिख लेता हूँ , तो कहानी बन जाती है। सफ़ेद कागज़ पर निशान लगता हूँ, तो रेखाएं...
akashaman601
Feb 23, 20231 min read
दरख़्त
इन दरख्तों के साए, हैं मैने कई मौसम बिताए। एक बूंद ओस से भींगा हूं, एक सांस में पतझड़ समा लिया। खुला आसमां साथी था, धूप घटाएं संग लिए। - ...
akashaman601
Feb 23, 20231 min read
दो चेहरे, एक सिक्का
है जाना कहाँ मैं नहीं जानता। पहुंचना किधर है, नहीं जानता। है रास्ता कहाँ, मै जानता हूँ। राहें किधर हैं नहीं जानता। हैंं मुकाम कहाँ मैं...
akashaman601
Feb 23, 20231 min read
bottom of page